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डेयरी उद्योग (सम्पूर्ण जानकारी) | Dairy Farming in Hindi | Dairy Farming ki Jankari | Dairy Farming Online Help

डेयरी एक ऐसी जगह है जहां पर दूध, दूध से बने हुए पदार्थ एवं उनका उत्पादन प्रसंस्करण तथा वितरण किया जाता है। टेक्नोलॉजी से अभिप्राय यह है कि वैज्ञानिक विधियां अपनाकर डेयरी उद्योग को और भी प्रफुल्लित करना; इसलिए ही डेयरी विज्ञान की एक ऐसी शाखा तैयार की गई है, जिसमें औद्योगिक स्तर पर दूध के उत्पादन प्रसंस्करण एवं वितरण की वैज्ञानिक विधियों का अध्ययन तथा प्रयोग किया जाता है और लोगों को भी इनका ज्ञान देने की भरपूर कोशिश कई संस्थानों द्वारा की जाती है।

विकसित देशों में लगभग डेढ़ सौ वर्ष पहले से ही डेयरी फैक्ट्री के क्षेत्र आरंभ हो चुके हैं। बहुत सारे ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से डेयरी उद्योगों को शुरू किया गया है जैसे कि शहरों में बढ़ती हुई आबादी जिसकी वजह से दूध का उत्पादन कम होता चला गया, दूध के उत्पादन की बढ़ोतरी हेतु ही डेयरी उद्योग प्रफुल्लित किए गए।

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भारत में कुछ समय पहले तक दूध उद्योग केवल ग्रामीण लघु उद्योगों के रूप में ही चलाया जाता था; परंतु अब डेयरी फार्म को कमर्शियलआइस करते हुए शहरों में भी डेयरी उद्योगों के स्तर को बढ़ा दिया गया है। भारत में मार्केट मिल्क टेक्नोलॉजी की शुरुआत के बाद से ही डेयरी उद्योगों की तेजी आ गई है।

दूध उद्योग पशु पालन पर निर्भर एक व्यवसाय है,अर्थात जो पूर्ण तौर पर पशु पालन पर ही निर्भर करता है। इसलिए डेयरी उद्योग तभी शुरू किया जा सकता है जब पशुपालन से जुड़े हुए लोग डेयरी उद्योग में अपना योगदान दें।

दूध डेयरी कारोबार शुरू करने के लिए सही डायरेक्शन एवं प्लानिंग होना बहुत आवश्यक है, यदि सही डायरेक्शन एवं प्लानिंग ना की जाए तो डेयरी कारोबार को सक्षमता से चलाना बहुत कठिन होता है। डेयरी उद्योग को शुरू करने के लिए पशुओं को पाला जाता है। पशुओं के पालन के अलावा पशुओं की देखरेख व रखरखाव पर भी बहुत ध्यान देना पड़ता है।

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वैसे तो दूध देने वाले बहुत से पशु हैं लेकिन भारत में ज्यादातर गाय और भैंस के दूध को ही महत्व दिया जाता है, इसलिए जो भी व्यक्ति डेयरी उद्योग स्थापित करना चाहते हैं, उन व्यक्तियों को गाय एवं भैंस को पालना चाहिए क्योंकि यह बड़े पशु है और दूध उत्पादन में इनका बहुत ज्यादा महत्व है। गाय एवं भैंस के दूध की डिमांड भी ज्यादा होती है।

डेयरी कारोबार की प्लानिंग | Dairy Farming Planning

आजकल भारत में डेयरी उद्योग आजीविका का एक बहुत अच्छा साधन है, डेयरी उद्योग की प्लानिंग करते समय सबसे पहले यह सोचना चाहिए कि किस तरह का डेरी फार्म शुरू करना है  क्योंकि डेयरी फार्म को 4 कैटेगरी में रखा गया है और उनमें से कौन सी कैटेगरी उद्योग स्थापित करने के लिए सही रहेगी; उसका चयन करना आवश्यक होता है। इन चारों  कैटेगरी का वर्णन निम्नलिखित प्रकार है:-

लघु डेयरी फॉर्म | Small Dairy Farm

लघु डेयरी फॉर्म उन्नत किस्म की दो गाय रखकर भी बिजनेस शुरू किया जा सकता है, इस प्रकार की डेयरी एक छोटे उद्योग के तौर पर शुरू की जाती है। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए लगभग ₹100000 तक का खर्च आता है। इसके अलावा यह व्यवसाय शुरू करने के लिए बैंक से लोन भी लिया जा सकता है। सरकार द्वारा कई ऐसी योजनाएं तैयार की गई है, जिसमें सरकार द्वारा मदद की जाती है। इसके अतिरिक्त पशुओं का चारा, इंश्योरेंस, बैंक लोन आदि चुकाने के बाद लगभग ₹40000 तक की सालाना कमाई की जा सकती है।

मिनी डेयरी फार्म | Mini Dairy Farm

मिनी डेयरी फॉर्म में लघु डेयरी के मुकाबले थोड़े से बड़े मार्जिन पर शाम आरंभ किया जाता है। मिनी डेयरी फॉर्म में 5 गायों को रखकर बिजनेस आरंभ किया जाता है। इस बिजनेस को आरंभ करने के लिए लगभग ₹300000 तक का खर्च आता है। मिनी डेयरी काम को शुरू करने के लिए भी बैंक से लोन लिया जा सकता है। 65% तक बैंक से एवं 25% विकास विद्यालय की तरफ से लोन प्राप्त किया जा सकता है। मिनी डेयरी फार्म करने के बाद सालाना लगभग ₹90000 तक की कमाई की जा सकती है।

मिडी डेयरी फार्म | Midi Dairy Farm

मिडी डेयरी फार्म, मिनी डेयरी फार्म से ज्यादा बड़े स्तर पर शुरू किया जाता है। इस फार्म में 10 गायों या भैसों को रख कर खोला जा सकता है। इस मिडी डेरी फार्म को शुरू करने के लिए लगभग साढ़े 5 लाख रूपये तक का खर्च आता है। इस को शुरू करने के लिए भी बैंक से लोन लिया जा सकता है। लोन के साथ साथ गव्य विकास निदेशालय की तरफ से भी लोन लिया जा सकता है। मिडी डेरी फार्म से लगभग 1 लाख 62 हज़ार रुपए तक का मुनाफा कमाया जा सकता है।

व्यवस्याक डेरी फार्म | Dairy Farm ka Business kaise kare | Dairy Farm Business

व्यवस्याक डेरी फार्म काफी उच्च लागत का मिल्क डेरी उद्योग है, जो काफी बड़े स्तर पर आरम्भ किया जाता है। इस डेरी फार्म को शुरू करने के लिए  लगभग 20 उन्नत किस्म की गाय या  भैंसे  रखी जाती है।  व्यवसाई काम को शुरू करने के लिए 1500000 रुपए तक का खर्च आता है और इस उद्योग को शुरू करने हेतु बैंक से अधिक मात्रा में लोन लेना पड़ता है। इस फॉर्म में सालाना आमदनी भी ज्यादा होती है।

एक बार जब यह निर्धारित कर लिया के किस स्तर पर डेयरी उद्योग स्थापित करना है, उसके बाद लोन लेकर इस उद्योग को शुरू किया जा सकता है।

डेयरी उद्योग स्थापित करने के लिए योग्यता | Dairy Farm Business Eligibility

डेयरी उद्योग को स्थापित करने के लिए किसी खास प्रकार की डिग्री या योग्यता का होना आवश्यक नहीं है, बल्कि कोई भी व्यक्ति इस उद्योग को स्थापित करने के लिए यत्न कर सकता है। इसके अतिरिक्त किसी भी उम्र और किसी भी वर्ग से संबंधित व्यक्ति उद्योग स्थापित कर सकता है।

यदि कोई व्यक्ति प्रशिक्षण हासिल करके उद्योग स्थापित करना चाहता है, तो वह व्यक्ति अपने नजदीकी नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टिट्यूट से कुछ दिनों का प्रशिक्षण हासिल करके ही उद्योग स्थापित कर सकता है। प्रशिक्षण हासिल करके उद्योग स्थापित करने का यह फायदा होता है कि व्यक्ति को पता होता है कि उसको उद्योग को प्रफुल्लित करने के लिए किस तरह से आगे बढ़ना होगा एवं पशुओं का रखरखाव किस तरह से किया जाए कि ज्यादा से ज्यादा दूध उत्पादन किया जा सके।

डेयरी उद्योग के लिए पशु खरीदना | Dairy Farm ke liye Pashu Khareedna

  • डेयरी उद्योग स्थापित करते समय भैसों तथा गायों की जानकारी लेना भी आवश्यक है। भारत सरकार द्वारा तेरी शान के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की मदद की जाती है एवं भैंस या गाय खरीदने के लिए एक पोर्टल भी आरंभ किया गया है जहां पर संपर्क करके अच्छी नस्ल की गाय/ भैंस खरीदी जा सकते हैं।   इस लिंक पर जाकर गाय और भैंस की नस्ल की जानकारी प्राप्त की जा सकती है, यहां पर पशुओं को खरीदने और बेचने  सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है।
  • इसके अलावा गांव के किसान एवं अपने जानकार से भी अच्छी नस्ल के पशु खरीदे जा सकते हैं।

भैंस या गायों की कीमत | Buffalo Rate

नस्ल के आधार पर ही भैंस या फिर गाय की कीमत निर्धारित की जाती है। अच्छी नस्ल की भैंस खरीदनी हो तो लगभग ₹30000 – 50000 तक का खर्च आता है।

पशु खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें | Guidelines for Purchasing Buffalo / Cow

  • पशु खरीदते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि पशु किस नस्ल का खरीदा जा रहा है और यह जानकारी भी होनी चाहिए कि उस नशे से कितनी मात्रा में दूध प्राप्त किया जा सकता है।
  • डेयरी उद्योग के लिए उन्नत किस्म की गाय औरभैंस ही खरीदनी चाहिए, जो अच्छी मात्रा में दूध देती हो।
  • जर्सी कैटल, होल्सटीन मवेशीएवं साहिवाल नस्ल की भैंसे सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित होती हैं क्योंकि इनकी दूध देने की क्षमता लगभग 15 से 18 लीटर तक होती है।

भैंस या गाय को देने वाला चारा | Fodders for Animal | Animal ke liye Chara

यदि अच्छी मात्रा में दूध प्राप्त करना हो तो सिर्फ अच्छी नस्ल की गाय  या भैंस ही नहीं रखनी होगी, बल्कि उन्हें अच्छा चारा भी उपलब्ध कराना होगा क्योंकि दूध देने की क्षमता अच्छे खाने और चारे पर ही निर्भर करती है। भैंस या गाय को ताजी घास, खाने में सूखा चारा एवं कई तरह के मिनिरल दिए जाते हैं, जिससे दूध की गुणवत्ता एवं मात्रा में वृद्धि होती है।

डेयरी फार्म खोलने की प्रक्रिया | Dairy Farming Process | Dairy Farming Process in Hindi

  • डेयरी फार्म खोलने के लिए सबसे पहले अच्छे स्थान का चयन करना चाहिए।जहां पर पानी की अच्छी व्यवस्था हो उसी स्थान का चयन करना चाहिए। गर्मी के मौसम  में हवा का भी अच्छा प्रबंध होना चाहिए एवं बिजली का भी प्रबंध होना आवश्यक है। फार्म खोलने के लिए एक या 2 एकड़ जमीन की आवश्यकता भी होती है क्योंकि जितना बड़ा और खुला स्थान होगा उतनी ही अच्छे से पशुओं का ध्यान रखा जा सकेगा।
  • स्थान का चुनाव करने के बादडेयरी फार्म बनाने के लिए कुछ कमरे भी बनाने होंगे ताकि सर्दी के मौसम में उन्हें कमरों में रखा जा सके और गर्मियों में कमरों के बाहर भी रखने की व्यवस्था हो। कमरों की छत तीन की मदद से भी बनाई जा सकती है, छत के नीचे चारा देने की सुविधा के लिए कुछ बॉक्स कार की जगह का निर्माण भी करना आवश्यक होता है।  बॉक्स इसलिए बनाए जाते हैं ताकि खाने का चारा  बनाए गए बॉक्स में डाल कर दिया जा सके। इसके अतिरिक्त खाने का सामान एवं दूध लेने के लिए बर्तन तथा अन्य चीजें भी  अरेंज करनी जरूरी है।
  • गाय, भैंस का दूध निकालने के लिए एवं उन्हें समय पर खाना देने तथा साफ सफाई के लिए कुछ लोगों की आवश्यकता भी पड़ती है।
  • लोगों का चयन करने के बाद एक ऐसी जगह का चयन करना चाहिए, जहां पर दूध निकालने के बाद एकत्र किया जा सके।
  • दूध का व्यापार करने के लिए या तो दूध को किसी कंपनी को बेचा जा सकता है, या फिर अपने स्तर पर एक कंपनी खोलकर सीधे तौर पर दूध को मार्केट में बेचा जा सकता है।दूध के अलावा दूध के अन्य पदार्थ जैसे दही पनीर मक्खन आदि बनाकर भी मार्केट में बेचे जा सकते हैं।

डेरी फार्म के लिए लाइसेंस | Dairy Farming Licence

  • यदि दूध बेचने के लिए कंपनी खोलना चाह रहे हैं तो इसके लिए कंपनी का लाइसेंस बनाना आवश्यक है।कंपनी का लाइसेंस लेने के लिए कंपनी का 1 नाम होना आवश्यक है, इसके अलावा जहां पर दफ्तर खोलना है उसकी भी जानकारी देना आवश्यक है।
  • डेयरी फार्म के लिए ट्रेड लाइसेंस लेने के लिए FSSAI एवं वेट पंजीकरण करवाने की आवश्यकता भी पड़ती है।इस प्रक्रिया में कुछ खर्चा भी देना पड़ता है।
  • यदि कंपनी के जरिए दूध बेचना है तो दूध बेचने के लिए पैकेट भी बनवाने होते हैं।इन पैकेट पर कंपनी की जानकारी एवं एक्सपायरी डेट भी मेंशन करनी होती है।
  • कंपनी के नाम का प्रचार एवं प्रमोशन करना भी आवश्यक होता है तभी कंपनी को लोगों की नजर में लाया जा सकता है। सभी लोगों तक कंपनी के सामान की जानकारी पहुंचाने के लिए अखबार एवं डिजिटल मीडिया का सहारा भी लिया जा सकता है।

Dairy उद्योग स्थापित करने के लिए सभी बातों का ध्यान रखना आवश्यक है जैसे कि कौन से पशु रखने हैं,  कौन सी जगह का चयन करना है, किस तरह का बिजनेस आरंभ करना है और उस पर कितना खर्चा करना है; सब बातों का ध्यान रखने के बाद एक अच्छे डेयरी उद्योग को स्थापित किया जा सकता है। इसलिए जो लोग dairy उद्योग शुरू करना चाहते हैं, उन्हें एक बार पूरा अध्ययन कर लेना चाहिए और उसके बाद ही इस उद्योग में इन्वेस्टमेंट करनी चाहिए ताकि किसी भी प्रकार का आर्थिक नुक्सान न झेलना पड़े।

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Tags: Dairy Farming in hindiDairy Farming ki JankariDairy Farming Online Helpडेयरी उद्योग (सम्पूर्ण जानकारी)

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