प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विद्युत वाहनों को बढ़ावा देने के लिए नहीं सरकारी योजना की शुरुआत की है, जिसका नाम वाहन चार्जिंग योजना 2022 है। देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को सफल बनाने के लिए मोदी सरकार देश के सभी पेट्रोल पंपों परिवहन चार्जिंग स्टेशन लगा सकती है। नीति आयोग उद्योग मंत्रालय पेट्रोलियम मंत्रालय एवं विधि मंत्रालय के सहयोग से नीति तैयार कर रही है। प्रस्ताव के मुताबिक सभी पेट्रोल पंपों पर भी चार्जिंग सिस्टम लगाए जाएंगे ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों को आसानी से चार्ज किया जा सके। आरंभ में यह प्रस्ताव देश के बड़े शहरों में लागू हो सकता है।
एंटी पावर ग्रिड जैसे कुछ पीएसयू में इस दिशा में पहल करते हुए कई जगहों पर ही चार्जिंग स्टेशन लगाएं हैं, लेकिन सरकार की मंशा को सफल बनाने के लिए अब बड़े पैमाने पर ही चार्जिंग सिस्टम लगाने की तैयारी की जा रही है। सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर ऑफ इलेक्ट्रॉनिक वहीकल(SMEV) की तरफ से सरकार को बार-बार यह बताया जा चुका है कि पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर के बगैर इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
मोदी सरकार ने देश में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक भाइयों को बढ़ावा दिया जैसे देश में पेट्रोल पंप और सीएनजी पंप खुले हैं; ऐसे ही भारत सरकार इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों के लिए चार्जिंग स्टेशन खोलने का मौका दे रही है। चार्जिंग स्टेशन खोलने के लिए भारत सरकार ने पॉलिसी बनाई है; जिसके द्वारा इलेक्ट्रॉनिक स्टेशन खोले जा सकते हैं।
2017 मे की गई जनगणना के अनुसार भारत देश की कुल जनसंख्या 133.92 करोड़ है। पेट्रोल एवं डीजल तेज चलने वाले वाहनों द्वारा लगातार प्रदूषण की मात्रा अधिक बढ़ रही है। इन सभी तथ्यों के आधार पर भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के चलने पर जोर दे रही है। इस योजना के अंतर्गत भारत सरकार अत्यधिक जनसंख्या वाले शहरों में वाहन चार्ज करने के लिए चार्जिंग प्वाइंट खोलेगी जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग की जाएगी।
देशभर में कई इलेक्ट्रिक वाहन सफलतापूर्वक अपना कार्य कर रही है जिसमें प्रमुख इलेक्ट्रिक रिक्शा है। इन वाहनों की कीमत एवं उनकी चार्जिंग दोनों ही पेट्रोल डीजल से चलने वाले वाहनों के मुकाबले में कम है।
ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 1 साल के भीतर हाईवे पर दोनों तरफ चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे क्योंकि जल्द ही बाजार में इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियां चलने वाली है। इस योजना के मुताबिक मारुति सुजुकी में छोटा डीजल कारें बंद कर दी है। सरकार 2030 तक देश के व्यापक उपयोग के लिए ही वाहनों को लागू करने जा रही है, इसका मुख्य उद्देश्य 2050 तक के तीसरे स्तर पर कार्बन उत्सर्जन को कम करना है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि इस इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं और खरीदारों को बढ़ावा मिलेगा। चार्जिंग स्टेशन के बनने के बाद चुनिंदा शहरों में 4 किलोमीटर के दायरे में चार्जिंग स्टेशन की मौजूदगी हो सकती है। इससे इलेक्ट्रिक वाहन खरीददारी में इजाफा हो सकता है। मंत्री के मुताबिक फेम इंडिया टीम के दूसरे चरण के तहत डिपार्टमेंट ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) मांगा था ताकि चार्जिंग स्टेशन लगाए जा सके। इससे उपभोक्ताओं के बीच इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने की धारणा मजबूत होगी और बुनियादी संरचना के अभाव के कारण हिचक रही कंपनियां नए मॉडल उतारने को लेकर प्रोत्साहित होंगी।
भारत सरकार देश के नागरिकों को अपना व्यवसाय करने का अवसर देने वाली है। इस बार कोई भी व्यक्ति इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन खोल सकेगा वह भी बिना किसी चार्जिंग स्टेशन लाइसेंस के। अब देश में हर 3 किलोमीटर के बाद एक इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन खुलेंगे। इसके लिए चार्जिंग स्टेशन खोलने के नियम निम्नलिखित है:
प्रधानमंत्री चार्जिंग स्टेशन योजना के तहत हाईवे पर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन खोलने के नियम अलग होंगे। इसके लिए पेट्रोल पंप की चार्जिंग स्टेशन खोलने को प्राथमिकता दी जाएगी। फिलहाल बिजली कंपनियों के साथ इस विषय पर सरकार विचार करके योजना तैयार कर रही है। राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी स्कीम के अंतर्गत वर्ष 2026 तक अनुमति 6.5 करोड़ रोजगार के नए अवसर देश में उपलब्ध हो सकते हैं।
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