नमस्कार दोस्तों हमारे ब्लॉक पर आप सभी का स्वागत है। हम बात करेंगे बहुत ही रोचक विषय पर। आज का हमारा ब्लॉग मध्य प्रदेश उपार्जन पोर्टल पर आधारित है।
इस ब्लॉग में हम आपको बताने वाले हैं कि क्या है यह ई उपार्जन पोर्टल क्या फायदा है, क्या उद्देश्य है एवं किन-किन लोगों के लिए यह पोर्टल लाभकारी साबित होगा। इन समस्त बातों की जानकारी आज हम अपने ब्लॉग के माध्यम से देने वाले हैं।
ई उपार्जन पोर्टल वास्तव में क्या है? | MP E Uparjan Portal 2022
दोस्तों क्या आपको केंद्र सरकार का एक घोषणा याद है। जिस घोषणा के अंतर्गत केंद्र सरकार ने यह दावा किया था कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय को सरकार दोगुनी कर देगी।
मध्य प्रदेश ई उपार्जन योजना केंद्र सरकार के उसी घोषणा पर आधारित है। मध्य प्रदेश सरकार ने ई उपार्जन पोर्टल अपने राज्य के किसानों के हित के लिए शुरू किया है। ई उपार्जन पोर्टल के माध्यम से मध्यप्रदेश मैं रहने वाले किसान खरीफ सीजन के दौरान अपने खेत के फसल को सरकार को यदि समर्थन मूल्य पर बेचना चाहते हैं तो वह उपार्जन पोर्टल के माध्यम से अपना नाम पंजीकृत करवा सकते हैं।
नोट:- केवल वही किसान अपना नाम ई पोर्टल पर पंजीकृत करवाएं, जो समर्थन मूल्य पर खरीफ़ सीजन के फसल को सरकार को बेचना चाहते हैं।
क्या है ई उपार्जन पोर्टल का मुख्य उद्देश्य? | MP E Uparjan Portal 2022 : Objective
- ई उपार्जन पोर्टल का एक ही मुख्य उद्देश्य है कि अपने राज्य के किसानों का हित करना इसलिए मध्य प्रदेश सरकार ने ई उपार्जन पोर्टल का शुभारंभ किया है।
- मध्य प्रदेश की सरकार ई पोर्टल योजना के तहत संपूर्ण मध्यप्रदेश को कवर करना चाहती हैं।
- मध्य प्रदेश की सरकार ने ई उपार्जन पोर्टल के लिए एक कवरेज भी किया। जिसके तहत मध्य प्रदेश के प्रत्येक जिले के धान, गेहूं अनाज इत्यादि खेती से संबंधित वस्तुओं की मॉनीटरिंग भी की गई।
- मॉनिटरिंग के दौरान सरकार को यह पता चला कि मध्य प्रदेश में कुल 29000 के आसपास गेहूं खरीद प्रणाली केंद्र है।
- 800 रनर और एवं 29000 डाटा एंट्री ऑपरेटर हैं साथ ही 13000 के आसपास किसान अपनी खेती के गेहूं को प्रतिदिन बेचते हैं।
- इन सभी बातों को ध्यान में रखकर ही सरकार ने बहुत ही गंभीर सोच के साथ उपार्जन पोर्टल का निर्माण किया ताकि किसान अपने फसल सरकार को बेच सकें।
कुछ महत्वपूर्ण गाइडलाइन जो कि मध्य प्रदेश ई उपार्जन पोर्टल से जुड़ी हुई हैं | MP E Uparjan Portal 2022 : Guidelines
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मध्य प्रदेश में रहने वाले जो भी किसान ई उपार्जन पोर्टल के तहत अपना नाम पंजीकृत करवाना चाहते हैं। उन्हें कुछ मुख्य बातों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। जैसे-
- किसानों के पास ई उपार्जन पोर्टल पर अपना नाम पंजीकृत करवाने के लिए आधार कार्ड का होना अति आवश्यक है।
- यदि आपके पास आईडी प्रमाण पत्र नहीं है तो आप ई उपार्जन पोर्टल पर आवेदन नहीं कर सकते हैं।
- किसानों का खुद का बैंक अकाउंट होना अति आवश्यक है।
- किसान का अपना खुद का मोबाइल नंबर होना अति आवश्यक है।
- जब किसान ऑनलाइन पोर्टल पर अपना नाम पंजीकृत करवाएंगे तब किसान को पोर्टल से एक रसीद प्राप्त होगी। जिसे किसान को संभाल कर रखना है। किसान यदि चाहे तो उस रसिद को प्रिंट करवा कर सबूत के तौर पर रख सकते हैं अपने पास।
आइए जानते हैं कि कैसे मध्य प्रदेश ई उपार्जन पोर्टल पर अपना नाम पंजीकृत करवाएंगे | MP E Uparjan Portal 2022 : Registration
- मध्य प्रदेश के किसानों को उपार्जन पोर्टल पर अपना नाम पंजीकृत करवाने के लिए ऑनलाइन माध्यम का सहारा लेना होगा।
- ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करने के लिए आपको mpeuparjan.nic.in पर जाना होगा।
- जैसे ही आप ऑनलाइन पोर्टल पर प्रवेश करेंगे आपके समक्ष एक होम पेज खोलकर आ जाएगा।
- होम पेज पर रवि 20222 नाम का एक विकल्प दिखाई देगा।
- आपको उसी विकल्प का चयन करना है। चयन करने के बाद एक दूसरा पेज खुलकर आपके समक्ष आ जाएगा।
- दूसरे पेज में आपको किसान पंजीकरण का ऑप्शन दिखाई देगा। आपको उस पर क्लिक करना है और अब आपके सामने एक नया पेज खुलकर आएगा।
- नए पेज पर आपके समक्ष एक फॉर्म आएगा जिसमें आपसे कुछ जानकारी मांगी जाएगी। आपको अपना नाम,मोबाइल नंबर एवं जो भी जानकारी मांगी जाएगी उन सभी जानकारियों को भर देना है।
- अब आपको अपना फॉर्म सबमिट कर देना है और इस तरीके से आप की आवेदन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
मुख्य दस्तावेज | MP E Uparjan Portal 2022 : Required Documents
ई उपार्जन पोर्टल पर आवेदक को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज के साथ फॉर्म को जमा करना है। जो महत्वपूर्ण दस्तावेज आवेदक से मांगे जाएंगे वह कुछ इस प्रकार है-
- आधार कार्ड
- मध्य प्रदेश के स्थाई निवासी होने का प्रमाण पत्र
- बैंक अकाउंट नंबर
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
आइए जानते हैं ई उपार्जन पोर्टल के संपूर्ण प्रक्रिया के बारे में | MP E Uparjan Portal 2022 : Process
- सबसे पहले किसानों को ई पोर्टल पर पहुंचकर खरीद केंद्र पर जाना होगा और जाकर अपना नाम पंजीकृत करवाना होगा।
- जैसे ही किसान अपना नाम उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत करवाएंगे।उनके समक्ष एक रजिस्ट्रेशन नंबर आएगा।
- किसानों को उस रजिस्ट्रेशन नंबर को नोट करके रखना है।
- पंजीकृत करवाने के बाद किसानों को उनके मोबाइल नंबर पर सरकार की ओर से s.m.s. भेजा जाएगा कि सरकार किसानों से गेहूं कब खरीदेगी।
- किसानों को अपने फोन पर प्राप्त हुए एसएमएस के आधार पर ही किसान अपने गेहूं को सरकार को उसी तारीख पर बेचेंगे जिस तारीख की बात सरकार की ओर से बताई जाएगी।
- जिस तारीख पर सरकार गेहूं खरीदने की बात करेगी। उसी तारीख पर सरकार किसानों से गेहूं प्राप्त कर लेंगे और उन्हें सरकार की ओर से प्रमाण के रूप में एक रसीद भी प्रदान की जाएगी।
- रसीद प्राप्त करने के कुछ दिनों के बाद ही किसानों के बैंक खाते पर सरकार की ओर से गेहूं बेचने की राशि प्रदान कर दी जाएगी।
क्या मध्य प्रदेश ई उपार्जन पोर्टल का मोबाइल एप भी हैं? | MP E Uparjan Portal 2022 : Mobile App
- जी हां दोस्तों मध्य प्रदेश सरकार ने ई उपार्जन पोर्टल का एक एप्लीकेशन भी बनाया है। जो कि आपको गूगल प्ले स्टोर पर मिल जाएगा।
- आपको गूगल प्ले स्टोर पर जाकर एमपी ई उपार्जन लिखने पर ही मध्य प्रदेश ई उपार्जन पोर्टल का एप्लीकेशन दिख जाएगा।
- आप एंड्रॉयड एप्लीकेशन के माध्यम से ना सिर्फ खरीफ फसल को बल्कि किसी भी फसल को बेचने के लिए सरकार के इस मोबाइल ऐप के माध्यम से अपना नाम पंजीकृत करवा सकते हैं।
- समय-समय पर सरकार आपको एसएमएस के माध्यम से बता देगी कि कब सरकार आपसे फसल खरीदेगी और आपको उस s.m.s. के आधार पर उस स्थान पर पहुंच जाना है जहां पर सरकार आपको फसल देने के लिए बुलाएगी।
- फसल बेचने के कुछ दिनों के बाद ही आपको सरकार की ओर से फसल बेचने के पैसे मिल जाएंगे।
दोस्तों आज हमने जाना मध्य प्रदेश ई उपार्जन पोर्टल के विषय में जिसमें आप ऑनलाइन माध्यम से घर बैठकर कंप्यूटर या मोबाइल के माध्यम से पोर्टल पर अपना नाम पंजीकृत करवा सकते हैं।
ई उपार्जन पोर्टल का लाभ मध्य प्रदेश राज्य के सभी किसान उठा सकते हैं। यदि किसान चाहे तो अपने एंड्रॉयड फोन के माध्यम से भी इस पोर्टल पर अपना नाम पंजीकृत करवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने फोन पर ई उपार्जन पोर्टल नाम का एप्लीकेशन डाउनलोड करना होगा।
किसानों को एमएसपी दर अर्थात समर्थन मूल्य पर फसल को सरकार को बेचना होगा। यदि किसान इसी शर्त पर अपने फसल सरकार को बेचना चाहते हैं। तो ही किसान ई उपार्जन पोर्टल पर अपना नाम पंजीकृत करवाएं अन्यथा नहीं।
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