क्या आपको पता है प्रधानमंत्री स्वर्ण मुद्रीकरण योजना क्या है और आप इसका लाभ कैसे उठा सकते है। आपको बता दे कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री स्वर्ण मुद्रीकरण योजना शुरू की गयी है। जैसा की हम सभी लोग जानते है कि हमारे देश में हर व्यक्ति के पास किसी न किसी मात्रा में सोना रखा होता है। अगर आप भी उन लोगों में से एक है तो ये जानकारी आपके लिए भी है। शायद आपको याद हो कि कुछ समय पहले हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि सोने को ‘डेड मनी’ से ‘जीवंत ताकत’ बनाने के लिए “प्रधानमंत्री स्वर्ण मुद्रीकरण योजना या गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम” की शुरुआत की। क्या आपको पता है हमारे देश में हर साल लगभग 1K टन सोने का आयात किया जाता है और देश को पूरी दुनिया में सबसे शीर्ष सोना आयातक देश माना जाता है। क्योकि यह हमारे देश में वित्तीय बोझ जोड़ता है। सोने का उच्च आयात ही भारत सरकार को उच्च आयात शुल्क लगाने के लिए मजबूर करता है। तो चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में प्रधानमंत्री स्वर्ण मुद्रीकरण योजना के बारे में बताएंगे।
प्रधानमंत्री स्वर्ण मुद्रीकरण योजना की शुरुआत हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गयी है। प्रधानमंत्री स्वर्ण मुद्रीकरण योजना हमारे देश के लोगों के पास जो सोना है उससे उत्पादक संपत्ति में बदल देती है। आपको बता दे कि यह प्रधानमंत्री स्वर्ण मुद्रीकरण योजना GDS और GML का संशोधन है। बस लोगों को अपने सोने की बचत को खोलने और अपने सोने को उन केंद्रों को सौंपना की जरूरत है। उसके बाद सोने की शुद्धता का आकलन किया जाएगा और सोने के मालिक को रसीद दी जाएंगी। उसके बाद केंद्रों को परखकर बैंकों को आपके सोने के वास्तविक मूल्य से अवगत कराया जाएगा। और आपके सोने के मूल्य को बैंक द्वारा आपके सोने की बचत खाते में जमा कराया जाएगा। क्या आपको पता है केंद्र सरकार इस सोने का क्या करती है। अगर नहीं तो कोई बात नहीं आज हम आपको बतायेगे कि बैंक सोने के मालिकों द्वारा जमा किए गए सोने को इकट्ठा करते हैं इसे रिफाइनरियों में भेजती हैं। और उसके बाद सोना पिघल जाता है और सोने की ईंटों में बदल जाता है। और उसके बाद बैंक इस सोने का इस्तेमाल ज्वैलर्स को कर्ज देने के लिए करती है। जिनसे बैंकों को ब्याज मिलता है। जो सोने के मालिक के लिए एक निवेश खाते की तरह है और इसमें परिपक्वता अवधि है। एक बार यह अवधि पूरी हो जाने पर, बैंक सोने के मालिक को निश्चित ब्याज के साथ सोना लौटा देती है। और ब्याज का भुगतान भी सोने के रूप में किया जाता है। यब प्रधानमंत्री स्वर्ण मुद्रीकरण योजना सोने के मालिकों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है।
योजना का नाम: प्रधानमंत्री स्वर्ण मुद्रीकरण योजना
शुरू की गई: केंद्र सरकार द्वारा
किस योजना के अंतर्गत: स्वर्ण जमा योजना (GDS), गोल्ड मेटल लोन योजना (GML)
उद्देश्य: सोने पर लोन व ब्याज प्रदान करना
लाभार्थी: देश में सभी गोल्ड रखने वाले नागरिक
ऑफिसियल वेबसाइट: https://www.rbi.org.in/Scripts/NotificationUser.aspx?Id=10084&
जाने प्रधानमंत्री स्वर्ण मुद्रीकरण योजना के तहत बैंक किन तरीकों से सोने के भंडार का उपयोग कर सकते हैं
प्रधानमंत्री स्वर्ण मुद्रीकरण योजना के तहत बैंक इन दो तरीकों से सोने के भंडार का उपयोग कर सकते हैं
बैंक ज्वैलर्स को सोना उधार दे सकती है: यह एक बहुत ही आसान तरीका है। इसमें बैंक ज्वैलर्स को गोल्ड उधार दे सकता है और उस गोल्ड लेंडिंग से फिक्स ब्याज कमा सकता है। इससे सोने का कुल आयात भी कम हो सकता है और सरकार के सीएडी को कम करने में मदद करता है। चालू खाता घाटा तब होता है जब आयातित सामान और सेवाओं का मूल्य निर्यात की गई वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य से अधिक होता है। चालू खाता घाटा का मतलब होता है कि देश के संचालन के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मदद का उपयोग कर रहा है। सीएडी दायित्व की तरह है जिसे पुनर्भुगतान की आवश्यकता है। CAD को कम करना अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है, इसलिए भारत की अच्छी अर्थव्यवस्था के लिए इस प्रधानमंत्री स्वर्ण मुद्रीकरण योजना की घोषणा की गयी है।
बैंक विदेशों को सोना बेच सकता है: प्रधानमंत्री स्वर्ण मुद्रीकरण योजना के तहत अगर बैंक चाहे तो वो विदेशों में सोने के भंडार को बेच सकता है। कमाई के रूप में विदेशी मुद्रा को आमंत्रित करने का यह सबसे अच्छा तरीका हो सकता है।
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